श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopal Chalisa )

श्री गोपाल चालीसा (Shri Gopal Chalisa) ॥दोहा॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ ॥चौपाई॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला…

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