श्री खाटू श्याम आरती ( Shree Khatu Shyam Aarti )

श्री खाटू श्याम आरती (Shree Khatu Shyam Aarti) ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे। खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥ ॐ जय श्री श्याम हरे… रतन…

श्री रामदेव आरती ( Shree Ramdev Aarti )

श्री रामदेव आरती (Shree Ramdev Aarti) ॐ जय श्री रामादेस्वामी जय श्री रामादे। पिता तुम्हारे अजमलमैया मेनादे॥ ॐ जय श्री रामादे….. स्वामी जय श्री रामादे…. रूप मनोहर जिस का घोड़े…

श्री पितर आरती (Shree Pitra Aarti)

श्री पितर आरती (Shree Pitra Aarti) जय जय पितर महाराज, मैं शरण पड़यों हूँ थारी। शरण पड़यो हूँ थारी बाबा, शरण पड़यो हूँ थारी॥ आप ही रक्षक आप ही दाता,…

श्री बाबा गंगाराम आरती ( Shree Baba Gangaram Aarti )

श्री बाबा गंगाराम आरती (Shree Baba Gangaram Aarti) जय हो गंगाराम बाबाजय हो गंगाराम। कष्ट निवारण मंगल दायकहो सब सुख के धाम॥ जय हो गंगाराम बाबा… सच्चे मन से ध्यान…

श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti)

श्री दुर्गा आरती (Shree Durga Aarti) जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय अम्बे गौरी…. माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से…

श्री लक्ष्मी आरती (Shree Laxmi Aarti)

श्री लक्ष्मी आरती (Shree Laxmi Aarti) ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता। सूर्य चद्रंमा ध्यावत,…

श्री सरस्वती आरती (Shree Saraswati Aarti)

श्री सरस्वती आरती (Shree Saraswati Aarti) जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता। सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता॥ जय सरस्वती माता॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी। सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी॥ जय सरस्वती…

श्री गायत्री आरती ( Shree Gaytri Aarti )

श्री गायत्री आरती (Shree Gaytri Aarti) जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता। आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक क‌र्त्री। दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री॥ जयति…

श्री काली आरती ( Shree Kali Aarti )

श्री काली आरती (Shree Kali Aarti) अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली। तेरे ही गुण गाये भारती, ओ मैया हम सब उतरें, तेरी आरती॥ तेरे भक्त जनो…

श्री महाकाली आरती ( Shree Mahakali Aarti )

श्री महाकाली आरती (Shree Mahakali Aarti) मंगल की सेवा, सुन मेरी देवाहाथ जोड़, तेरे द्वार खड़े। पान सुपारी, ध्वजा, नारियल, ले ज्वाला तेरी भेंट धरे॥ मंगल की सेवा सुन मेरी…

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