श्री शैलपुत्री चालीसा ( Shri Shailputri Chalisa )

श्री शैलपुत्री चालीसा ( Shri Shailputri Chalisa )   ॥ दोहा ॥ श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। विघ्न हरण मंगल मूरति, जय जय गिरिजा लाल॥   ॥ चौपाई…

श्री गणेश चालीसा ( Shri Ganesh Chalisa )

श्री गणेश चालीसा (Shri Ganesh Chalisa) ॥ दोहा ॥ जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ ॥ चौपाई ॥ जय जय जय गणपति…

श्री राम चालीसा ( Shri Ram Chalisa )

श्री राम चालीसा  (Shri Ram Chalisa) ॥ दोहा ॥ आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनं वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम् पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं…

श्री शिव चालीसा (Shri Shiv Chalisa)

श्री शिव चालीसा (Shri Shiv Chalisa) ॥ दोहा ॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥ ॥ चौपाई ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला।…

श्री हनुमान चालीसा ( Shri Hanuman Chalisa )

श्री हनुमान चालीसा (Shri Hanuman Chalisa) ॥ दोहा॥ श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि॥ बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन-कुमार। बल…

श्री नर्मदा आरती ( Shree Narmada Aarti )

श्री नर्मदा आरती (Shree Narmada Aarti) ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर रेवा,शिव हरि शंकर रुद्री पालन्ती॥ ॐ जय जगदानन्दी… देवी नारद शारद तुम वरदायक,अभिनव पदचण्डी। सुर…

श्री विष्णु चालीसा ( Shri Vishnu Chalisa )

श्री विष्णु चालीसा (Shri Vishnu Chalisa) ॥ दोहा ॥ विष्णु सुनिए विनय, सेवक की चितलाय। कीरत कुछ वर्णन करूँ, दीजै ज्ञान बताय॥ ॥ चौपाई ॥ नमो विष्णु भगवान खरारी। कष्ट…

श्री बजरंग बाण ( Shree BajrangBan )

श्री बजरंग बाण (Shree BajrangBan) ॥दोहा॥ निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज…

श्री गोपाल चालीसा ( Shri Gopal Chalisa )

श्री गोपाल चालीसा (Shri Gopal Chalisa) ॥दोहा॥ श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल। वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल॥ ॥चौपाई॥ जय जय पूरण ब्रह्म बिहारी, दुष्ट दलन लीला…

श्री ब्रह्म चालीसा ( Shri Brahma Chalisa )

श्री ब्रह्म चालीसा (Shri Brahma Chalisa) ॥ दोहा॥ जय ब्रह्मा जय स्वयम्भू, चतुरानन सुखमूल । करहु कृपा निज दास पै, रहहु सदा अनुकूल । तुम सृजक ब्रह्माण्ड के, अज विधि…

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