
श्री शारदा माता की आरती – 2 ( Shree Sharada Mata aarti – 2 )
हे शारदे! कहाँ तू बीणा बजा रही है ।
किस मंजुज्ञान से तू जग को लुभा रही है ॥
किस भाव में भवानी तू मग्न हो रही है ।
विनती नहीं हमारी क्यों मात सुन रही है ॥
हम दीन बाल कब से विनती सुना रहे हैं ।
चरणों में तेरे माता हम सिर नवा रहे हैं ॥
अज्ञान तुम हमारा माँ शीघ्र दूर कर दे ।
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में माँ शारदे तू भर दे ॥
बालक सभी जगत के सुत मात है तिहारे ।
प्राणों से प्रिय तुझे है हम पुत्र सब दुलारे ॥
हमको दया मयी ले गोद में पढ़ाओ ।
अमृत जगत का हमको मां शारदे पिलाओ ॥
ह्रदय रुपी पलक में करते है आहो जारी ।
हर क्षण ढूंढते है माता तेरी सवारी ॥
मातेश्वरी तू सुन ले सुन्दर विनय हमारी ।
करके दया तू हरले बाधा जगत की सारी ॥