श्री पार्वती आरती (Shree Parvati Aarti)

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥
जय पार्वती माता…

अरिकुल कंटक नासनि, निज सेवक त्राता।
जगजननी जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥
जय पार्वती माता…

सिंह को वहान साजे, कुंडल है साथा।
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ता था॥
जय पार्वती माता…

सतयुग रूप शील अतिसुंदर, नाम सती कहलाता।
हेमाचंल घर जन्मी, सखियाँ संगराता॥
जय पार्वती माता…

शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमाचंल स्थाता।
सहस्त्र भुजा तनु धरिके, चक्र लियो हाथा॥
जय पार्वती माता…

सृष्टि रूप तुही है जननी, शिव संग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लही, सारा जग मदमाता॥
जय पार्वती माता…

देवन अरज करत हम, चरण ध्यान लाता।
तेरी कृपा रहे तो, मन नहीं भरमाता॥
जय पार्वती माता…

मैया जी की आरती, भक्ति भाव से जो नर गाता।
नित्य सुखी रह करके, सुख संपत्ति पाता॥
जय पार्वती माता…

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता।
ब्रह्मा सनातन देवी, शुभ फल की दाता॥